मानवता की सदियों पुरानी तहज़ीब को आगे बढ़ाते हुए जिला अमरेली (गुजरात) के सावरकुण्ड ला शहर के तीन मुस्लिम भाइयों (अबु, नशीर और जुबेर कुरैशी) ने अपने पिता के हिन्दू मित्र (भानूशंकर पंडया) को उनकी इच्छा के अनुरूप हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करके कौमी भाईचारा की अनोखी मिसाल पेश की। भानूशंकर तहेदिल से ईद के त्योहार में शिरकत करते थे और कुरैशी परिवार के लिए उपहार लाना कभी नहीं भूलते थे। कुरैशी परिवार भी उनकी खिदमत में शाकाहारी भोजन तैयार करते थे और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते थे। भानूशंकर को नशीर के बेटा अरमान ने मुखाग्नि दी और बाहरवीं के दिन सर मुंडवा कर हिन्दू रीति-रिवाज का अनुसरण किया। यह घटना बेनजीर भारत की सांप्रदायिक सौहार्द की एक अनोखी मिसाल है।
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