हाल के दिनों में अखबारों, सोशल मीडिया और बयानों से हिन्दुस्तान की हज़ारों सालों से चली आई हिन्दू–मुस्लिम मुहब्बत और भाईचारे को बिगाड़ने वाले और इस्से फिरकेवराना माहोल को खराब करने वाले फितनापरस्त लोग आगे आ रहे हैं। मुल्क के हर हिस्से में ऐसे हज़ारों वाक्य हैं कि जिनमें हिन्दू–मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे को खून दिया, मंदिर–मस्जिद के बनाने में जिस्मानी/ज़मीनी/ रुपए–पैसे से मदद की; मिलजुल कर मेले, जुलूसों और महफिलों में हिस्सा लिया; बुरे वक्त में एक दूसरे की हिफाज़त की; खाना मुहय्या कराया और उन्हें दर बदर नहीं होने दिया। कुछ शरारती लोग और उनके आका, चन्द मज़हबी टकराहट, सरकार के कुछ हिफाज़ती और मुल्की प्रोग्रेस के कदम, दुनियावी सियासत की मजबूरियाँ, रोजमर्रा के छोटे मोटे तू–तड़ाक को मज़हब बांटने की साजिश के तहत एक तबके का संकट बता रहे हैं। जरूरत है कि सभी मुल्कवासी ऐसी फिरकराना ताकतों से खबरदार रहें, उनके द्वारा फैलाए जा रहे बंटवारे और उकसाने वाली झूठी खबरों से भड़कें नहीं, उन पर यकीन ना करें जब तक पूरी तरह से उनकी तहकीकात ना कर लें। मुसलमान हमेशा से मुल्क के वफादार रहे हैं और देश के कानून ने उनको सब हुकूक दिए है। जिनमें आम मुसलमान को बराबरी का हक शामिल है। सभी हिन्दुस्तानियों के ऊपर ये जिम्मेदारी है कि इन मौकापरस्त फितनाइ लोगों से सावधान रहें और इनके द्वारा फैलाई हुई बांटने वाली मुहिम को गलत साबित करें और नाकाम कर दें।
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