कुरान का पहला शब्द ‘इक्रा’ जिसका मतलब पढ़ाई होता है। इसलिए जदीद और मज़हब के साथ-साथ तालीम प्राप्त करना हर मुस्लिम महिला या पुरुष की एक जिम्मेदारी है।
सात सदस्यीय कुंडू समिति को प्रोफेसर अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में पोस्ट सच्चर मूल्याकंन समिति के रूप में भी जाना जाता है, जिसने अपनी रिपोर्ट अक्टूवर 2014 को केन्द्र सरकार को सौप दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि मुल्क में तालीम की स्थिति एक चिंता का विषय है और इस पर गौर करने की सलाह दी कि अकल्यित सघनता वाले जिलों में बहु क्षेत्रीय विकास के लिए जारी किए गए धन के बदइंतजामी को ध्यान दें। मुस्लिम बच्चों/युवाओं में स्नातक तालीम की प्राप्ति फीसदी और मुस्लिम कालोनियों के बीच स्कूली तालीम के उम्रों को बहुत कम पाया गया और निकासी फीसदी बहुत अधिक थी जो मशाइती तरक्की में प्रभाव डाल सकती है।
हाल ही में केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने राज्य की मदरसा आधुनिकीकरण तालीम योजना और मदरसों में गुणवत्तापूर्ण तालीम मुहैया कराने के तहत 266 करोड़ रुपए मुहैया किए है। इन वित्तीय सहायता से यह उम्मीद की जाती है कि यह मुस्लिम तालीम संस्थानों को जदीद पाठ्यक्रम से परिपूर्ण होगा और बेहतर तालीम प्रदान करने में मदद करेगा।
इस पृष्ठभूमि में यह मुस्लिम नेताओं को काम करने के लिए बाध्य कर रहा है ताकि बेहतर संभावनाओं के लिए मदरसों को जोड़ा जा सके। हाल ही में प्रधानमंत्री के एक बयान के अनुसार, वह मुस्लिम युवाओं के ‘एक हाथ में कुरान व एक हाथ में कंप्यूटर’ देखना चाहते हैं जिससे मदरसे पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने एवं उन्हें मदद देने के आरोप को खारिज किया जा सके।